Paris Olympic: गोल्डन स्लैम जीतने वाले 5वें प्लेयर बने नोवाक जोकोविच, फाइनल में कार्लोस अल्काराज को हराया

Paris Olympic: पेरिस ओलंपिक इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है, पर कल एक ऐसा मैच हुआ जिसमें जीतने वाले खिलाड़ी के साथ-साथ वहाँ मौजूद सभी की आंखें नम हो गई. कल टेनिस के फाइनल मैच में नोवाक जोकोविच ने अपने करियर का गोल्ड स्लैम पूरा करते हुए स्पेन के कार्लोस अलकाराज को सीधे सेटों में 7-6,7-6 से हराते हुए ओलंपिक का गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
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Paris Olympic: पेरिस ओलंपिक इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है, पर कल एक ऐसा मैच हुआ जिसमें जीतने वाले खिलाड़ी के साथ-साथ वहाँ मौजूद सभी की आंखें नम हो गई. कल टेनिस के फाइनल मैच में नोवाक जोकोविच ने अपने करियर का गोल्ड स्लैम पूरा करते हुए स्पेन के कार्लोस अलकाराज को सीधे सेटों में 7-6,7-6 से हराते हुए ओलंपिक का गोल्ड मेडल अपने नाम किया. कल का दिन जोकोविच के लिए अंतिम सपना के सच होने वाला दिन था, नोवाक जोकोविच अब दुनिया के सबसे बड़े टेनिस खिलाड़ी बन गए हैं. विश्व में होने वाला टेनिस का ऐसा कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं बचा जिसे जोकोविच ने नहीं जीता हो.

गोल्डन स्लैम जीतने वाले 5वें प्लेयर बने नोवाक जोकोविच

वैसे तो ओलंपिक बहुत मजेदार मोड़ पर है हर दिन नए-नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, बहुत सी नई प्रतिभा निकलकर सामने आ रही है, पर कल की टेनिस के फाइनल मैच में एक पुरानी प्रतिभा ने अपने नाम का लोहा मनवा लिया है और उस कहावत को सही सिद्ध कर दिखाया है, जिसमें कहा जाता है ओल्ड इस गोल्ड. 24 बार ग्रैंड स्लैम जीतने वाले व लगातार 325 हफ्तों तक विश्व के नंबर वन टेनिस प्लेयर रहने वाले सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के जीवन में सिर्फ एक ऐसा सपना अधूरा था जिसे उन्हें पूरा करना था, पर वह हाथ नहीं आ रहा था. लगातार ग्रैंड स्लैम जीतने वाले जोकोविच अब तक ओलंपिक गोल्ड जीतने में नाकामयाब रहे थे और अब जब उनकी उम्र 37 वर्ष हो गई थी, इस दौरान वे फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती अब उनके सामने थी टेनिस की दुनिया मे उभरते हुए चैम्पीयन खिलाड़ी स्पेन के 21 वर्षीय कार्लोस अलकाराज. यह वही अलकाराज है जिन्होंने अभी कुछ ही महीने पहले विंबलडन फाइनल में जोकोविच को हराया था और इनको लेकर दुनिया की बड़ी हस्तियों ने कहा था आने वाले सालों पर टेनिस की दुनिया में एक ही नाम राज करेगा और वह है अल्काराज. कल जब मैच शुरू हुआ था तो ऐसा ही लगा क्योंकि कार्लोस ने बड़े ही फुर्ती से खेलते हुए लाजवाब खेल दिखाना शुरू किया, ऐसा लगा जैसे आज भी वही विंबलडन वाला दिन खुद को दोहराएगा.

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फाइनल में कार्लोस अल्काराज को हराया

लेकिन नोवाक को यह नामंजूर था, क्योंकि नोवाक ने बताया है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, मात्र 7 साल की उम्र में उन्होंने सर्बिया में युद्ध देखा है जिसके कारण वह 3 महीने बेस में छिपकर बिताएं हैं, उन्होंने यह भी बताया है कि युद्ध की वजह से उन्होंने विपरीत समय को झेलना और वहां से वापसी करना सीखा है और उनकी वही सीख ओलंपिक के फाइनल में उनके काम आने वाली थी. 37 वर्षीय जोकोविच ने हार नहीं मानी और 21 वर्षीय चैंपियन अलकाराज को कड़ी टक्कर देते हुए, 7-6, 7-6 से मुकाबला जीत कर पहला ओलंपिक गोल्ड अपने नाम किया और इसके साथ ही टेनिस में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हो गए हैं. इस जीत के लिए जोकोविच को पूरे 2 घंटे 50 मिनट तक मेहनत करना पड़ा और इस जीत के साथ ही उन्होंने अपना कैरियर गोल्ड स्लैम पूरा किया. ऐसा कारनामा करने वाले वे विश्व के 5 वें खिलाड़ी बने उनसे पहले स्टेफी ग्राफ, आन्द्रे अगासी ,सेरेना विलियम्स और राफेल नडाल ने यह उपलब्धि हासिल की ह. इस जीत के बाद जोकोविच के आँख से आंसू छलक गए और वो भागते हुए अपने परिवार के पास जाकर खुशियां मनाने लगे, जोकोविच के इस जीत ने जहां उन्हें यह सर्वश्रेष्ठ मुकाम दिया है.

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