Champions Trophy में अफगानिस्तान के साथ मुक़ाबले को लेकर इंग्लैंड में पॉलिटिक्स, अब ECB ने उठाया ये कदम
ECB: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी इस बार पाकिस्तान कर रहा है. आईसीसी ने टूर्नामेंट का शेड्यूल भी जारी कर दिया है. टूर्नामेंट का आयोजन 13 फरवरी से 28 मार्च 2025 के बीच होगा. लेकिन इंग्लैंड की टीम के लिए इस बार चैंपियंस ट्रॉफी विवादों से भरी नजर आ रही है. ब्रिटेन के 160 से अधिक राजनेताओं ने ECB से आग्रह किया है कि वे अफगानिस्तान की टीम का बॉयकॉट करें.
ECB का रुख और बयान
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के चीफ कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड ने इस मांग को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, “महिलाओं के अधिकारों पर लगाई गई पाबंदियों का मुद्दा एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए ICC की अगुवाई में फ़ैसला लिए जाना चाहिए. इस मामले में कोई एक देश एकतरफ़ा कार्रवाई नहीं कर सकता.”
उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करने पर विचार करना एक स्पष्ट संदेश होगा कि इस तरह के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हालांकि, अभी भी इंग्लैंड और अफगानिस्तान के बीच कोई भी बायलैट्रल सीरीज नहीं खेली जाती. आईसीसी के आयोजनों में ऐसा करने की मांगों को ECB ने फिलहाल खारिज कर दिया है.
क्यों उठी बॉयकॉट करने की मांग?
इंग्लैंड और अफगानिस्तान, दोनों टीमें चैंपियंस ट्रॉफी के ग्रुप स्टेज में एक ही ग्रुप में शामिल हैं. इन दोनों के बीच मैच 26 फरवरी 2025 को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला जाएगा है. लेकिन वेस्टमिंस्टर के सांसदों और राजनेताओं का मानना है कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के शासन के दौरान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का हनन हो रहा है.
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इंग्लैंड के सांसदों ने ईसीबी से अनुरोध किया है कि वे अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में हिस्सा न लें. उनका कहना है कि इस कदम से तालिबान की नीतियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा. यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं को शिक्षा, खेल और अन्य बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया है.