“मैं जिंदा हूं”, अस्पताल में भर्ती Vinod Kambli का आया पहला रिएक्शन, अचानक बिगड़ गई थी तबीयत
विनोद कांबली
Vinod Kambli: शनिवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के ठाणे स्थित एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डॉक्टर्स की एक टीम उनकी देखभाल कर रही है और उनके दिमाग में खून के थक्के जमने के कारण सभी जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं. अच्छी खबर यह है कि कांबली की हालत में सुधार हो रहा है और वे अब डॉक्टर्स और फैंस से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. कांबली ने अपनी रिकवरी के लिए डॉक्टर्स को धन्यवाद किया.
अस्पताल में विनोद कांबली ने कहा, “मैं यहां के डॉक्टर्स की वजह से जिंदा हूं. मैं उनके कहे अनुसार ही हर निर्देश का पालन करूंगा.” उन्होंने इस मौके पर अपने बचपन के दोस्त और भारतीय क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर का भी जिक्र किया. कांबली ने कहा, “सचिन फिलहाल लंदन में हैं, लेकिन आप लोग ही उन्हें मेरी हालत के बारे में बताएंगे.”
शनिवार को लाए गए अस्पताल
शनिवार को जब विनोद कांबली को अस्पताल में भर्ती कराया गया, तब वे भारी ऐंठन और कमजोरी से जूझ रहे थे. उनके लिए बैठना और चलना तक मुश्किल हो गया था. डॉक्टर्स ने तुरंत इलाज शुरू किया और अब हालत में सुधार नजर आ रहा है. कांबली के इलाज का खर्च उनके एक फैन ने उठाया है, जो उनके प्रति उनके प्यार और समर्पण को दर्शाता है.
क्या हैं खून के थक्के?
विनोद कांबली दिमाग में खून के थक्के बनने की समस्या से झूज रहे हैं. इससे दिमान में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है. जिससे ब्लड फ्लो होने में समस्या आती है. थक्के बनने के लक्षण में स्ट्रोक, चक्कर आना या बेहोशी शामिल हैं. कांबली की दो बार हार्ट सर्जरी हो चुकी है, खून के थक्के बनने के पीछे ये भी कारण हो सकता है.
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ऐसा रहा क्रिकेट करियर
विनोद कांबली का नाम 1990 के दशक के सबसे प्रतिभाशाली बल्लेबाजों में लिया जाता है. उन्होंने भारतीय टीम के लिए साल 1991 में अपना वनडे डेब्यू किया और साल 2000 में श्रीलंका के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला. उन्होंने 17 टेस्ट मैचों में 4 शतक और 3 अर्धशतक के साथ 1084 रन बनाए. वहीं वनडे के 104 मैचों में 2477 रन बनाए. कांबली अपने आक्रामक बल्लेबाजी शैली के लिए जाने जाते थे.