प्रेमानंद महाराज से मिला था ‘जीत का मंत्र’, पाकिस्तान के खिलाफ शतक जड़ King Kohli ने दिलाई ‘विराट’ जीत

Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 111 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. जिससे भारत की जीत सुनिश्चित हुई. विराट कोहली के इस पारी को लेकर कहा जा रहा है कि प्रेमानन्द जी महाराज ने उन्हें 'जीत का मंत्र' दिया है. कुछ दिन पहले विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और दोनों बच्चों के साथ वृंदावन पहुंचे थे. जहां उन्होंने प्रसिद्ध प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की.
Virat Kohli

Virat Kohli: रविवार को ICC Champions Trophy 2025 का महामुकाबला दुबई के स्टेडियम में खेला गया. भारत-पकिस्तान के बीच खेले गए इस महामुकाबले में भारत ने शानदार जीत हासिल की. इस जीत से क्रिकेट फैंस को दोहरी ख़ुशी मिली. एक पाकिस्तान को भारत ने धूल चटा दिया और दूसरी ख़ुशी King Kohli का कमबैक. इस मुकाबले में कोहली ने जीत का शतक मार कर भारत को विराट जीत दिलाई. लंबे समय से विराट के बल्ले से शतक का इंतजार कर रहे फैंस के लिए कल का दिन काफी शानदार रहा.

भारत की जीत के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 111 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. जिससे भारत की जीत सुनिश्चित हुई. विराट कोहली के इस पारी को लेकर कहा जा रहा है कि प्रेमानन्द जी महाराज ने उन्हें ‘जीत का मंत्र’ दिया है. कुछ दिन पहले विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और दोनों बच्चों के साथ वृंदावन पहुंचे थे. जहां उन्होंने प्रसिद्ध प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान प्रेमानंद जी महाराज ने विराट की खेल में सफलता और कड़ी मेहनत की सराहना की और उन्हें जीवन और खेल के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे.

क्या था ‘जीत का मंत्र’?

पिछले दिनों जब कोहली अपनी पत्नी और बच्चों के साथ प्रेमानंद महाराज के शरण में गए थे तब उन्होंने विराट को कई सलाह दिए थे. उन्होंने कहा था कि सफलता का राज साधना, अभ्यास, और भगवान के नाम स्मरण में छिपा है. जैसे हम अपनी साधना के माध्यम से दूसरों को खुशियां और शांति प्रदान करते हैं, वैसे ही विराट का खेल देशभर में खुशी और उत्साह का कारण बनता है. प्रेमानंद जी से आगे यह भी कहा कि विराट को अपनी साधना और अभ्यास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि वह हमेशा उच्च स्तर की सफलता प्राप्त कर सकें. उनका मानना था कि विराट का खेल भी एक प्रकार की सेवा है, जिसमें वह भगवान की सेवा कर रहे हैं.

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भारत उत्साहित करने का मंत्र

प्रेमानंद जी महाराज के शरण में गए कोहली से उन्होंने कहा, ‘अगर आप अभ्यास में ध्यान केंद्रित करेंगे और बीच-बीच में भगवान का नाम लेंगे, तो आपके खेल में न केवल उत्कृष्टता आएगी, बल्कि इससे पूरे देश को आनंद और खुशी मिलेगी. आपकी सफलता से पूरा भारत उत्साहित होता है और यह देशभर में एक आनंद का माहौल उत्पन्न करता है. साधना और अभ्यास का ही परिणाम है कि आप बड़े मंचों पर लगातार सफलता प्राप्त कर रहे हैं.’

महाराज ने विराट को यह भी समझाया कि खेल में जीत और हार दोनों ही अस्थायी हैं, लेकिन अगर व्यक्ति अपने उद्देश्य को सही तरीके से समझे और अपने लक्ष्य को पूरी निष्ठा से प्राप्त करने की कोशिश करे, तो वह निश्चित रूप से सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंच सकता है.

महाराज की बातों का विराट पर दिखा असर

प्रेमानंद जी महाराज के इस मंत्र को पाने के बाद कोहली ने उनकी बातों पर ध्यान दिया. प्रेमानंद जी की बातों से प्रभावित होकर कोहली 12 साल बाद रणजी खेलने उतरे. कोहली ने अपने खेल और प्रैक्टिस पर काफी ध्यान दिया. पाकितान के खिलाफ खेले जाने वाले मैच से पहले हुए प्रैक्टिस में भी कोहली पहले पहुंच गए थे.

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