Chhattisgarh News: अयोध्या की तर्ज पर होगा कौशल्या धाम का चहुंमुखी विकास, मास्टर प्लान पर काम शुरू
Chhattisgarh news: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. 22 जनवरी से देशभर में छोटी दिवाली जैसे माहौल बना हुआ है. इधर भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी अब बड़ी तैयारी शुरू हो गई है.चंदखुरी में माता कौशल्या के मंदिर को भी भव्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. राज्य सरकार के संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मास्टर प्लान बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसकी घोषणा भी बृजमोहन अग्रवाल ने कर ही दी है.
माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर के लिए मास्टर प्लान
दरअसल 22 जनवरी को विश्व में राम प्राण प्रतिष्ठा का एक भव्य समारोह मनाया गया था. इसका जश्न छत्तीसगढ़ में भी मनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने रामोत्सव का आयोजन किया. इस महोत्सव के दौरान राम जी के ननिहाल चंदखुरी के कौशल्या माता धाम में रामोत्सव का आयोजन किया गया था. इसमें संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कौशल्या माता धाम को एक नए उच्च स्थान पर पहुँचाने का मास्टर प्लान साझा किया जायेगा .
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राम की मूर्ति का भी होगा सुधार
रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अब अयोध्या की तरह चंदखुरी के कौशल्या माता धाम का भी पुनः विकास किया जाएगा. इसके लिए जल्द ही मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा साथ ही कौशल्या माता मंदिर के प्रांगण में विराजमान राम की मूर्ति का सुधार किया जाएगा. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के इस अवसर पर पूरे देश में उमंग और उत्साह का वातावरण है. यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है. छत्तीसगढ़ के भांजा रामलला को जन्मभूमि मंदिर में स्थापित किया गया है. हम भी छत्तीसगढ़ में हमारे भांचा राम के वास्तविक वन गमन मार्ग का सुधार करेंगे ताकि वैश्विक स्तर पर उन्हें अपनी पहचान मिल सके.
छत्तीसगढ़ और अयोध्या का क्या रिश्ता है?
आपको बता दें कि रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था. राजा दशरथ ने दक्षिण कौशल के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या से विवाह किया. इसके बाद अयोध्या और दक्षिण कौशल का रिश्ता जुड़ गया. छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना गया. इसके पीछे आधार ये है कि देश में एकमात्र कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ में है. इस मंदिर का जीर्णोद्धार राज्य में कांग्रेस की सरकार ने 2021 में शुरू करवाई है. इसके लिए राम वन पथ गमन योजना भी बनाई गई.