Ram Mandir: छत्तीसगढ़ के 5000 लोग हर रोज लिख रहे ‘राम’ नाम, अंबिकापुर के एक शख्स ने 25 साल में लिखा 17 करोड़ बार प्रभु का नाम

Ram Mandir: कॉपी छापने वाले रायगढ़ के कृष्णा अग्रवाल कहते हैं कि उनके यहां 30 साल से राम नाम वाली कॉपी छापी जा रही है.
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छत्तीसगढ़ में राम नाम लिखते रामेश्वर अग्रवाल

Ram Mandir: छत्तीसगढ़ में पांच हजार ऐसे लोग हैं जो हर रोज ‘राम’ नाम लिख रहे हैं. इसके बाद इनके द्वारा जिन-जिन कॉपियों पर ‘राम-राम’ लिखा जाता है, वे कॉपी एक जगह जुटाकर राजस्थान के उदयपुर स्थित राम मंदिर व अयोध्या भेजी जाती हैं, जहां राम लिखे कॉपियों को एक कमरे में रखा जाता है और मंदिर में आने वाले राम भक्त उसकी परिक्रमा करते हैं. अंबिकापुर में इन्ही में एक शख्स हैं रामेश्वर अग्रवाल हैं, जो 25 साल से राम नाम लिख रहे हैं और अब तक 17 करोड़ राम शब्द लिख चुके हैं.

1999 से ‘राम’ नाम लिख रहे हैं रामेश्वर अग्रवाल

विस्तार न्यूज से बातचीत में रामेश्वर अग्रवाल ने बताया कि वे 1999 से राम नाम लिख रहे हैं और दो दिन में राम लिखकर एक कॉपी भर देते हैं. उसके बाद कॉपी को वे अपने रिश्तेदार के माध्यम से राजस्थान के उदयपुर ‘राम नाम बैंक’ में भेज देते हैं. वे कहते हैं कि 65 साल उम्र हो गई, लेकिन राम नाम लिखने से उनके आंख में अब तक पावर वाला चश्मा नहीं लगा. अंबिकापुर में रामेश्वर अग्रवाल जैसे आठ और लोग भी हैं, जो राम नाम लिखकर उसकी कॉपी राम नाम बैंक में जमा करते हैं.

राम नाम लिखने के लिए अलग तरह की कांपी छत्तीसगढ़ में एक मात्र जगह रायगढ़ में गोविन्द कॉपी उद्योग में छापी जाती है और वहां से प्रदेश भर से 150 ऐसे लोग जुड़े हुए हैं, जो उस कॉपी को खरीदकर छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर सहित अन्य स्थानों में राम नाम लिखने वालों तक मुफ्त में पहुंचाते हैं.

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राम नाम बैंक में जमा होती हैं कॉपियां

कॉपी छापने वाले रायगढ़ के कृष्णा अग्रवाल कहते हैं कि उनके यहां 30 साल से राम नाम वाली कॉपी छापी जा रही है. वे हर साल राम नाम वाले एक लाख से अधिक कॉपी छापते हैं और उसे जो लोग ले जाते हैं. वहीं लोग हमारे पास उसमें राम लिखकर जमा करते हैं. इसके बाद उसे हमारे द्वारा इन दिनों उदयपुर राजस्थान राम मंदिर में बने राम नाम बैंक में भेजा जा रहा है.

रायपुर गुढ़ियारी के महेश शर्मा ने बताया कि वे 300 लोगों को राम नाम लिखने के लिए कॉपी बांटते हैं. इसके बाद उनसे उन कॉपी को लेकर अयोध्या में जाकर जमा करते हैं. वे इन कॉपियों को हर 6 माह में जमा करने जाते हैंं, जब कॉपी चार-पांच बोरे में भर जाती है. महेश वर्मा भी अब तक 41.50 लाख राम नाम लिख चुके हैं.

पूरे देश में सबसे पहले राम नाम बैंक ऋषिकेश, अयोध्या, बनारस, दिल्ली में शुरू हुआ. इसके बाद राजस्थान के नोसामंडी और उदयपुर में भी शुरू हुआ. वहीं झारखण्ड के रांची में भी राम नाम बैंक है.

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