“प्रसिद्धि का मोह किए बिना हमें…”, छत्तीसगढ़ के विधायकों को गृह मंत्री Amit Shah ने पढ़ाया पाठ

Chhattisgarh News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं अगर छत्तीसगढ़ विधानसभा का सदस्य होता, तो छत्तीसगढ़ विधानसभा में राम मंदिर के लिए अभिनंदन का प्रस्ताव लेकर आता.
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गृह मंत्री अमित शाह

Amit Shah: छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रबोधन कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधायकों को सफलता के सूत्र बताएं. करीब एक घंटे चले प्रबोधन कार्यक्रम में शाह ने विधायकों को क्या करना चाहिए और किन कामों से बचना चाहिए, इस पर विस्तार से जानकारी दी. शाह ने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि विधायकों को सफल होने के लिए जनता के साथ संवाद बनाए रखना सबसे अहम है. विधायकों को क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की योजनाओं को जानना जरूरी है. विकास जमीन पर पहुंचे इसके लिए अधिकारियों के साथ सामंजस्य बनाने की जरूरत पर भी शाह ने जोर दिया.

अंतिम सांस तक सीखना चाहिए- शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं 5 बार विधायक, दो बार सांसद रहा. मेरे पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव है. जीवन के अंतिम सांस तक सीखना चाहिए. सीखना ही जीवन की सफलता है. हमारा मूल काम समस्या का समाधान करना है, तभी जनता आपसे खुश होगी. उन्होंने कहा कि कठोर से कठोर बात हम शालीनता से रख सकते है. हमारा काम समस्या का समाधान करना है. हमें तय करना होगा, हमे किस दिशा में जाना है. सदस्यों का सहयोग सिस्टम को सुधारने के लिए भी होना चाहिए.

राम मंदिर के अभिनंदन का लाए प्रस्ताव

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि मैं अगर छत्तीसगढ़ विधानसभा का सदस्य होता, तो छत्तीसगढ़ विधानसभा में राम मंदिर के लिए अभिनंदन का प्रस्ताव लेकर आता. शाह ने पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वीडियो वीरों को हराते हुए देखा है. इससे थोड़े समय में प्रसिद्धि मिल सकती है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकती. उन्होंने विधायकों को इससे बचने की नसीहत दी. उन्होंने विधायकों से कहा कि संपर्क, संवाद और परिश्रम से जन सेवक से जननायक बन सकते हो.

विधानसभा में बोलना एक कला

प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान शाह ने कहा कि सभी नियमों का विधायकों को पालन करना चाहिए. विधानसभा में बोलना एक कला है. आपकी भाषा नियमों के अनुसार होनी चाहिए. प्रसिद्धि का मोह किए बिना हमें अच्छे कार्यों को करना चाहिए. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विधायक को बेहतर कार्य करना चाहिए. अमित शाह ने आगे कहा कि विपक्ष के विधायक को भी सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए परिश्रम करना चाहिए. पूरे समय विधानसभा में बैठने वाले विधायक कम ही होते हैं, जो सदन में उपस्थित नहीं होते वह कई जानकारियां को गवां देते हैं. प्रश्नकाल का उपयोग बहुत ही अच्छे से करना चाहिए. संकल्प का उपयोग क्षेत्र की समस्या को दूर करने के लिए कर सकते हैं. विधानसभा के सभी नियमों को सिद्ध करना चाहिए. विधायक को आधे कार्यकाल होने तक सदन के सारे नियमों का इस्तेमाल कर लेना चाहिए.

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आंदोलन से ज्यादा कारगर विधायक की चिट्ठी

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जन प्रतिनिधि को तीन व्यवहार पर फोकस करना चाहिए. लोक संपर्क, लोक संग्रह, विधायी दायित्वों का निर्वाह, पार्टी के विचारों को जमीन पर उतरना आना चाहिए. अधिकारियों के साथ मिलकर विकास कार्य करना एक बड़ी चुनौती होती है. अधिकारियों को लिख कर देने की आदत होनी चाहिए. लिख कर देंगे तो अमर्यादित बातों को नहीं लिख पाएंगे और अधिकारी फिर जिम्मेदारी के साथ कार्य करेंगे. अधिकारियों के साथ मिलकर क्षेत्र के विकास को करना चाहिए. जन प्रतिनिधि जब सक्षम होगा तब ही क्षेत्र का विकास संभव होगा. समस्या निराकरण के कई रास्ते होते हैं आंदोलन, कोर्ट, RTI, मीडिया भी एक रास्ते हैं. सबसे उचित रास्ता नियमों को जानकर अधिकारियों को लिखकर देना होता है. किसी भी आंदोलन से ज्यादा कारगर प्रशासनिक व्यवस्था को समझकर लिखना होता है.

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