Ram Mandir: 350 KM पैदल यात्रा, डकैतों ने पार कराई नदी… सुशील दास ने बताई अयोध्या पहुंचने की कहानी

सुशील बताते हैं कि बीच रास्ते में एक बड़ी नदी पार करनी थी. शाम हो चुकी थी तो वहां मौजूद कुछ भगवा कपड़ा धारियों ने उन्हें पनाह दी.
सुशील दास

सुशील दास

Ram Mandir: सुशील दास उन कार सेवकों में से एक हैं जो कि 1992 में बस्तर से अयोध्या पहुंचे थे. सुशील दास अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने से बेहद खुश हैं 64 साल के सुशील जब 92 में अयोध्या के लिए निकले थे तब उनकी उम्र 32 वर्ष थी. सुशील बताते हैं कि बस्तर से 3 गाड़ियों में बैठकर कारसेवक अयोध्या निकले थे. मध्यप्रदेश के रीवा के रास्ते अयोध्या जाते कार सेवकों को पुलिस ने उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर ही रोक दिया.इसके बाद सुशील अपने साथियों के साथ पैदल ही 350 किलोमीटर के सफर में निकल गए.

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जल्द ही रामलला के दर्शन करने जाएंगे सुशील

सुशील बताते हैं कि बीच रास्ते में एक बड़ी नदी पार करनी थी. शाम हो चुकी थी तो वहां मौजूद कुछ भगवा कपड़ा धारियों ने उन्हें पनाह दी. साथ ही सुबह कारसेवकों के नदी पार करवाने के लिए नाव का भी इंतजाम करवा दिया. बाद में नदी पार करते वक्त नाविक ने उन्हें बताया कि उन्हें रात में आश्रय देने वाले इस इलाके के बड़े डकैत हैं. डकैतों ने नाविक को निर्देश भी दिया था कि कार सेवकों से नदी पार करवाने के बदले पैसे नहीं लेना. अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से वे बेहद खुश हैं. सुशील दास ने कहा कि वे अपने परिवार के साथ जल्द ही अयोध्या रामलला के दर्शन करने जाएंगे.

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