साक्षी बचपन से ही किताबों की शौकीन रही हैं उन्होंने बताया कि बचपन में जब वह किताबें पढ़ती थीं, तभी से उनको किताबें लिखने का जुनून चढ़ने लगा था. अपने दोस्त के चैलेंज के बाद महज कुछ महीनो में ही किताबें लिख डाली.