अब एनआईए राणा से गहन पूछताछ करेगी. माना जा रहा है कि इस पूछताछ में मुंबई हमले से जुड़े कई अनसुलझे सवालों के जवाब मिल सकते हैं. क्या राणा पाकिस्तान की साजिश के और सबूत देगा? इस हमले के पीछे और कौन-कौन शामिल था? ये सवाल हर भारतीय के मन में हैं.
राउत यहीं नहीं रुके. उन्होंने आर्थिक भगोड़ों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भारत लाने की मांग भी उठाई. साथ ही, पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की रिहाई का मुद्दा भी छेड़ दिया. जाधव को 2016 में पाकिस्तान ने कथित जासूसी के आरोप में पकड़ा था और मौत की सजा सुनाई थी.
NIA ने पूछताछ के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. राणा को NIA मुख्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर बने एक खास लॉकअप में रखा गया है. इस लॉकअप में दो CCTV कैमरे लगे हैं, जो 24 घंटे उनकी निगरानी कर रहे हैं. उनके खाने-पीने का इंतजाम भी यहीं किया गया है.
मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी ताकत दिखाई है. राणा का भारत आना न सिर्फ 26/11 के पीड़ितों के लिए इंसाफ की उम्मीद है, बल्कि ये भी दिखाता है कि मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ कितनी सख्त है. चाहे पुलवामा हो या उरी, मोदी ने हमेशा दो टूक कहा, "आतंकवाद बर्दाश्त नहीं!"