अब यहां शुरू होता है असली खेल. निकान्त जैन ने दत्ता से कहा कि अगर वह जल्दी प्रोजेक्ट की मंजूरी चाहते हैं, तो उन्हें पांच फीसदी कमीशन देना होगा. दत्ता ने रिश्वत देने से मना कर दिया. तो निकान्त जैन ने प्रोजेक्ट की फाइल लटकानी शुरू कर दी. इसका मतलब यह था कि दत्ता का प्रोजेक्ट अनिश्चितकाल तक लटक सकता था, और मंजूरी मिलने में महीनों का समय लग सकता था.