Adhik Maas Jyestha Month Twice: अधिकमास का समय आध्यात्मिक साधना, दान और आत्मचिंतन के लिए माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि यह अवधि मन और कर्म शुद्धि के लिए उपयुक्त होती है.