यह जहाज आज के मॉडर्न जहाजों से बिल्कुल अलग है. इसमें चौकोर पाल, लकड़ी की पतवारें और हाथ से चलने वाले चप्पू हैं. इसे बनाने में इंडियन नेवी ने आईआईटी मद्रास के समुद्र इंजीनियरिंग विभाग की मदद ली.