आरोपी अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल कर फर्जी वीडियो कॉलिंग, पुलिस सायरन और गिरफ्तारी के फर्जी आदेशों का डर दिखाते थे. व्यापारी डर के कारण लगातार पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करता रहा.