दिल्ली के एलजी ने पिछले दिनों आतिशी की तारीफ की थी. जब केजरीवाल से इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मुझे इस बात से खुशी है कि वह उनकी सराहना कर रहे हैं, लेकिन मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि वोट आतिशी के नाम पर हो या मेरे नाम पर, लेकिन यह वोट झाड़ू पर ही देना चाहिए."
Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) को लेकर आम आदमी पार्टी के बाद अब कांग्रेस ने भी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. 21 उम्मीदवारों की इस लिस्ट में संदीप दीक्षित को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय […]
यहां पर यह भी ध्यान देना जरूरी है कि AAP ने दिल्ली में कांग्रेस के वोट को तोड़ा था और यही उसकी राजनीतिक सफलता का कारण बना था. इसलिए, AAP किसी भी तरह से कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपने वोट को बंटने का खतरा नहीं लेना चाहती.
बगावत का खतरा और पार्टी की तैयारी राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है कि जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, उनके बगावत करने का खतरा भी हो सकता है. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने यह कदम सोची-समझी रणनीति के तहत उठाया है. टिकट कटने के बाद नेताओं की नाराजगी को जल्दी सुलझाने का एक मौका पार्टी को मिल जाएगा.
Delhi Election: पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी गई है. इस बार पटपड़गंज की जगह उन्हें जंगपुरा से चुनावी मैदान में उतारा गया है. वहीं अवध ओझा को पटपड़गंज से टिकट दिया गया है.
गोयल ने चिट्ठी में लिखा, "मेरी उम्र के कारण, मैं खुद को सक्रिय राजनीति से दूर रखना चाहता हूं. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं अपनी पूरी शक्ति से आम आदमी पार्टी की सेवा करता रहूंगा.
दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने अवध ओझा के आम आदमी पार्टी जॉइन करने पर कहा कि जो इस समय अरविंद केजरीवाल की पार्टी को जॉइन करेगा, वह सिर्फ दिल्ली का नहीं, बल्कि पूरे देश का दुश्मन होगा.
कहा जा रहा है कि अवध ओझा 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतर सकते हैं. ओझा ने पहले भी अपने राजनीतिक रूझान का इजहार किया था.
केजरीवाल ने भले ही आतिशी को सीएम पद की जिम्मेदारी दे दी है, लेकिन इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल का बहुत कुछ दांव पर होगा.
Delhi Assembly Election: 2015 से दिल्ली की सियासत में अजेय बनकर उभरे अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव 'कठिन अग्नि परीक्षा' साबित होने वाला है. 2015 और 2020 में उनकी छवि एक ईमानदार नेता की थी, लेकिन अब उनकी सरकार पर शराब घोटाला सहित कई गंभीर आरोप हैं.