अशोक चौधरी की इस कविता के पीछे के मंतव्य को लेकर लोगों का मानना है कि वे बिना नाम लिए नीतीश कुमार पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी पंक्तियों से साफ झलकता है कि वे बढ़ती उम्र के संदर्भ में कुछ बातें कर रहे हैं, जो राजनीति में एक नई बहस का कारण बन गई है.