आज शाम 4:30 बजे आम आदमी पार्टी की नेत्री आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. राज निवास में हुए इस समारोह में उनके साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली.
मुकेश अहलावत को दलित समुदाय को साधने के उद्देश्य से कैबिनेट में शामिल किया गया है. हालांकि कुलदीप कुमार भी मंत्री पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार थे, लेकिन अहलावत को प्राथमिकता दी गई. नॉर्थ-वेस्ट दिल्लीमें 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 3 दलितों के लिए रिजर्व हैं.
अब जब आतिशी मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, तो सवाल यह उठता है कि क्या उनकी भूमिका सिर्फ एक नाममात्र की होगी? क्या वे केवल एक प्रतीक बनकर रह जाएंगी और असली निर्णय अरविंद केजरीवाल ही लेंगे?
दिल्ली की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस पहले से ही आतिशी के खिलाफ नैरेटिव गढ़ने की कोशिश में जुटे हैं. बीजेपी ने पहले ही बांसुरी स्वराज को दिल्ली में राजनीतिक मोर्चे पर उतारा है. बांसुरी स्वराज, सुषमा स्वराज की बेटी हैं, और उनके राजनीति में आने से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. हालांकि, आतिशी को टारगेट करना विपक्ष के लिए उतना आसान नहीं होगा, क्योंकि वह एक मजबूत महिला नेता के रूप में उभर रही हैं.
Delhi CM Atishi: दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और तृप्ता वाही के घर जन्मी आतिशी ने अपनी आर्किटेक्चरल शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंगडेल्स स्कूल से और इतिहास की पढ़ाई सेंट स्टीफंस कॉलेज से पूरी की हैं.
Delhi CM Atishi: दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा विभाग संभाल रही थीं. उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से एक माना जाता है.
Delhi CM Atishi: केजरीवाल ने जबसे इस्तीफे का ऐलान किया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. अब इसको लेकर औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया है.
Atishi: आप के गठन के समय से ही आतिशी पार्टी के साथ जुड़ी हुई हैं. जनवरी 2013 में उन्हें पार्टी के लिए नीति निर्धारण के काम में शामिल किया गया. उसके बाद हर गुजरते साल के साथ उनकी छवि पार्टी की एक कर्मठ और जिम्मेदार पदाधिकारी के तौर पर मजबूत होती रही.
Arvind Kejriwal: वहीं आप नेता आतिशी ने कहा, "अरविंद केजरीवाल को झूठे केस में फंसाया गया. बीजेपी की अरविंद केजरीवाल को परेशान करने और दिल्ली के काम रोकने की साज़िश है."
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि LG साहब दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने से रोक रहे हैं. इससे बड़ी तानाशाही और क्या हो सकती है? अब हमें देखना है कि बीजेपी लोकतंत्र के साथ है या तानाशाही के साथ खड़ी है.