सैयद अहमद मुसवी की मौत 1869 में हुई और उन्हें इराक के कर्बला में दफनाया गया. लेकिन उनकी धार्मिक शिक्षाएं और उनकी सोच उनके परिवार में ज़िंदा रहीं. इन्हीं विचारों ने न सिर्फ उनके वंशजों को, बल्कि पूरे ईरान की राजनीति और समाज को भी बहुत गहराई से प्रभावित किया. उन्हीं के पोतों में से एक थे रुहोल्लाह, जिन्हें आज दुनिया अयातुल्ला रुहोल्लाह खामेनेई के नाम से जानती है.
Israel Iran War: ट्रंप ने जी-7 समिट के बीच लौटने के बाद बड़ा बयान दिया और कहा कि अमेरिका का धैर्य समाप्त हो रहा है. ईरान न्यूक्लियर हथियार नहीं रख सकता है.
नमाज के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने दुनियाभर के मुसलमानों से एकजुट होने की अपील की.