राजनीति के जानकारों का कहना है कि अखिलेश ने उस उपचुनाव की हार को हल्के में नहीं लिया है. इस बार यह एक कठिन चुनाव है और अखिलेश के लिए आजमगढ़ जीतना नाक का सवाल है.