जब चुनाव के नतीजे आए, तो सब हैरान रह गए. शिवसेना ने 73 सीटें जीतीं और भाजपा को 65 सीटें मिलीं. दोनों दलों की सीटों को मिलाकर आंकड़ा बहुमत के पार चला गया. यह महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार था जब कांग्रेस को हटाकर कोई गैर-कांग्रेसी सरकार बनी. बालासाहेब ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद खुद नहीं संभाला, बल्कि शिवसेना के मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री बनाया.
दशहरा रैली के माध्यम से सभी पार्टियां अगामी चुनाव को साधने में लगी हुई है. महाराष्ट्र के नागपुर से लेकर बीड तक दशहरा के दौरान होने वाले राजनीतिक दलों के नेता अपने चुनावी एजेंडों के साथ रैली को संबोधित करेंगे.