तस्लीमा नसरीन ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने दीपू के मुस्लिम सहकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या पुलिस के कुछ लोग कट्टर सोच के समर्थक हैं, जिन्होंने दीपू को बचाने के बजाय भीड़ के हाथों सौंप दिया.