Bangladesh Violence: बांग्लादेश सेना के प्रमुख ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया था. बीते दिन शेख हसीना के इस्तीफे के और देश छोड़ कर चले जाने के बाद आर्मी चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए देश की जनता को संबोधित किया था.
Bangladesh Violence: शेख हसीना को जिन हालातों में इस्तीफा देकर अपना देश छोड़ना पड़ा है, उसके लिए अब 'विदेशी दखल' का दावा भी किया जा रहा है. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इस तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ होने का शक जाहिर किया है.
Khaleda Zia: पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद खालिदा जिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. 30 मई 1981 को बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान की हत्या कर दी गई थी.
Bangladesh Violence: हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, "यही वक़्त है भारत को बांग्लादेश पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहिए. वरना ये पाकिस्तान से भी ज्यादा दर्द देगा".
ICC Women's T20 World Cup 2024: आईसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने कहा कि आईसीसी के पास सभी सदस्य देशों के लिए एक स्वतंत्र सुरक्षा निगरानी प्रणाली है और वर्ल्ड कप शुरू होने में अभी सात सप्ताह बाकी हैं, तो यह कहने जल्दी होगी कि स्थानांतरित किया जाएगा या नहीं.
Bangladesh Violence: लगातार हो रहे हमले की वजह से बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं में अब डर का माहौल है. दिनाजपुर कस्बे और रेलबाजारहाट में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के साथ ही उपद्रवियों ने 10 हिंदू परिवारों को अपना शिकार बना लिया.
Bangladesh Violence: आरक्षण को लेकर जारी प्रदर्शन और हिंसा के बीच बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं को भी निशाना बनाया गया है. कई हिंदुओं के घरों और उनकी दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया है.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में पिछले काफी समय से आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. धीरे-धीरे प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि प्रदर्शनकारी 5 अगस्त को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास की ओर बढ़े और उन्होंने पीएम आवास में जमकर लूटपाट की.
खालिदा जिया मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं. जेल में बंद नेत्री को शेख हसीना का कट्टर विरोधी माना जाता है. शेख हसीना 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनीं. तब से, उन्होंने और खालिदा जिया ने कई सालों तक बारी-बारी से सरकारें चलाईं .
कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये बात कही जा रही है कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा, छात्र शिबिर, हिंसा भड़का रही है और बांग्लादेश में छात्र विरोध को राजनीतिक आंदोलन में बदल रही है. इन छात्रों के बारे में कहा जा रहा है कि इन्हें पाकिस्तान की ISI का समर्थन प्राप्त है.