ऐसा नहीं है कि शेख हसीना पहली बार हिंसा का सामना कर रही हों. उनका राजनीतिक जीवन, उनके देश की तरह हिंसा से ही शुरू हुआ. 15 अगस्त 1975 को तख्तापलट के दौरान सेना के अधिकारियों ने ही उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी थी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें पड़ोसी मुल्क की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
शेख हसीना अभी गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर रुकी हुई हैं. सूत्रों के मुताबिक, वहां एनएसए अजीत डोभाल से हसीना की मुलाकात हुई है.
आरक्षण को लेकर पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश में अशांति फैली हुई है. हजारों छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए पीएम आवास पर कब्जा कर लिया है. इस बीच शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है.
पिता की हत्या से ठीक 15 दिन पहले ही अपनी बहन के साथ हसीना जर्मनी चली गई थीं. हसीना के पति न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे और जर्मनी में ही रहते थे.
प्रदर्शनकारियों ने कई घरों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है. सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है. यह बवाल तब और बढ़ गया जब हसीना ने कहा कि प्रदर्शनकारी छात्र नहीं बल्कि आतंकी हैं.
इस बीच भारतीय अधिकारियों ने नागरिकों से अस्थिर स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है. जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं शेख हसीना के लिए विरोध प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये बांग्लादेश का आंतरिक मामला है और वहां पर रहने वाले सभी भारतीय सुरक्षित हैं. इस बीच ढाका से अब तक 400 भारतीय छात्रों को निकाला जा चुका है.