पुलिस के अनुसार, गौरी के शरीर पर 8 से 10 चाकू के घाव मिले हैं, जो इस बात को स्पष्ट करते हैं कि हत्या बेहद क्रूर तरीके से की गई थी. पुलिस ने बताया कि महिला का शव सूटकेस में मिलने से पूरा मामला और भी रहस्यमय बन गया.
Chhattisgarh: आज बेंगलुरु में छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर समिट का आयोजन हुआ. देश की सिलिकॉन वैली के रूप में प्रसिद्ध बेंगलुरु की कई बड़ी टेक कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश को लेकर रूचि दिखाई है.
बैठक की शुरुआत में संघ ने एक बहुत ही खास विषय पर चर्चा की, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक एकता से जुड़ा था — प्रयागराज महाकुंभ. संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह मुकंद सीआर ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार की सराहना की.
Bengaluru: बेंगलुरु के कोरमंगला इलाके में एक महिला शादी में शामिल होने गई थी. जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इस घटना को अंजाम देने वाले 4 युवकों ने खुद को पहले महिला का पुराना परिचित बताया फिर उसको झांसे में लेकर होटल की छत पर ले गए. जहां चारों ने इस घिनौने हरकत को अंजाम दिया है.
इस पूरे मामले में इस वायरल नाम के साथ सोशल मीडिया में जो तस्वीरें चल रही हैं, वह अतुल की पत्नी की नहीं बल्कि रायपुर में रहने वाली निकिता सिंघानिया की है. जौनपुर की निकिता की फोटो के बजाए लोग सोशल मीडिया पर रायपुर की निकिता की फोटो वायरल कर रहे हैं. उसे ही अतुल की मौत का जिम्मेदार बताया जा रहा है.
अतुल के वीडियो में उन्होंने खुलासा किया कि उनकी पत्नी और सास ने उन्हें मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया था. उनका कहना था कि उनकी पत्नी और सास दोनों ने मिलकर उन्हें इस हद तक परेशान किया कि वह आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं देख पा रहे थे.
ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरू के 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष के साथ. अतुल का मामला एक उदाहरण बन गया है. उनकी दुखद कहानी यह साबित करती है कि कैसे कानून की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी और गलत आरोपों का सामना करने वाले व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से तबाह कर सकता है.
Karnataka News: घटना की स्थिति को देखते हुए फायर ब्रिगेड और आपदा राहत टीम ने जेसीबी की मदद से बड़े स्तर पर राहत कार्य शुरू किया है. पुलिस के मुताबिक, मलबे को हटाया जा रहा है.
चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत 2018 में केंद्र सरकार ने की थी, जिसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को मिलने वाले नकद चंदे में पारदर्शिता लाना था. हालांकि, इस योजना में दाताओं की पहचान गुप्त रखने का प्रावधान था, जिससे विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई थी.
Bengaluru: एफएसएसएआई अधिकारियों को ट्रेन से संदिग्ध मांस आने के बारे में शिकायत मिली थी. इसके बाद रेलवे स्टेशन पहुंचे अधिकारियों ने मांस की जांच के लिए सैंपल लेकर उसे लैब में भेज दिया.