Bengaluru Stampede: बेंगलुरु भगदड़ में अपनों को खोने वाले परिजनों का दर्द अब छलक रहा है. ये अपने बच्चों, भाई-बहनों और प्रियजनों को खो चुके हैं.
फुटबॉल के मैदान पर सबसे भयावह हादसा पेरू में हुआ. 1964 में पेरू और अर्जेंटीना के बीच एक मैच के दौरान रेफरी के एक विवादित फैसले ने बवाल मचा दिया. गुस्साए दर्शकों ने हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी, जिससे स्टेडियम में अफरातफरी मच गई. लोग गेट की ओर भागे, लेकिन संकरे रास्तों में फंस गए. इस हादसे में 328 लोगों ने अपनी जान गंवाई.
Bengaluru Stampede: कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु भगदड़ मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए आज दोपहर सुनवाई की. जिसमें कई बड़े खुलासे हुए.
शाम करीब 5:30 बजे अचानक बारिश शुरू हो गई, जिसने हालात को और बदतर कर दिया. सड़कें गीली हो गईं, लोग फिसलने लगे, और भीड़ को काबू करना पुलिस के लिए और मुश्किल हो गया. अपने दोस्तों के साथ स्टेडियम आई 25 साल की सिंचना ने बताया, “जैसे ही गेट थोड़ा सा खुला, लोग बेकाबू हो गए. मैं अनिल कुंबले सर्कल के पास थी, इसलिए सबसे खराब स्थिति से बच गई, लेकिन वहां का मंजर डरावना था.”