बैठक के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पार्टी ने नतीजों की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि सभी एग्जिट पोल कांग्रेस को जीतते हुए दिखा रहे थे, और पार्टी को भी जीत का भरोसा था. हालांकि, परिणामों ने हैरान कर दिया.
कांग्रेस ने 'किसान, जवान और पहलवान' जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की, लेकिन वे इस विरोध को व्यापक जनता तक पहुंचाने में नाकाम रहे. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने मोर्चा संभाला, लेकिन बीजेपी ने पीएम पेंशन योजना और अनाजों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जैसी योजनाओं से किसानों का विश्वास जीत लिया.
अब सबकी नजरें चुनावी नतीजों पर टिकी हैं, लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है. मुख्यमंत्री कौन होगा, यह पार्टी आलाकमान के फैसले पर निर्भर करेगा, लेकिन कई दिग्गज नेता अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं, और इन सबकी दावेदारी से कांग्रेस आलाकमान की टेंशन बढ़ने वाली है.
Haryana Election 2024: कांग्रेस में इस वक्त भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा दोनों के बीच मान-मनौव्वल की कोशिश की जा रही है. दोनों ही नेता सीएम पद को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं.
हरियाणा के किसानों में बड़ी संख्या जाटों की है और यह समुदाय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ खड़ा है. बुधवार को दोनों ओलंपियनों ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला सहित एक गुट कथित तौर पर हुड्डा की सत्ता को मजबूत करने से नाखुश है. किरण चौधरी (जो इस गुट का हिस्सा थीं) ने अपनी बेटी को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने के बाद पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया.
कुमारी शैलजा ने कहा, "जो है वह सबको दिख रहा है. वह इंचार्ज हैं इनका काम करने का अपना तरीका है. सारी बातें मीडिया के सामने नहीं करना चाहती लेकिन सारी बातें सबके सामने हैं."