तेजस्वी की ये यात्रा सिर्फ जनता से मिलने का बहाना नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी सियासी चाल है. वो अपने पिता लालू प्रसाद यादव की राह पर चलते हुए जनता से सीधा कनेक्शन बनाना चाहते हैं. लालू यादव अपनी रैलियों और यात्राओं से हमेशा जनता के बीच छाए रहते थे, और तेजस्वी भी उसी अंदाज को अपनाने की कोशिश में हैं.