Bihar Election: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और RJD नेता तेजस्वी यादव बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' निकाल रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें चाय-पकौड़ों के साथ दोनों नेता दिलचस्प राजनीतिक चर्चा करते नजर आ रहे हैं.
बीजेपी लंबे समय से मुस्लिम वोटों से दूर रही है. लेकिन बिहार में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है (लगभग 17.7%). 1 बीजेपी जानती है कि अगर 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल करनी है, तो उसे नए वोट बैंक तलाशने होंगे. पसमांदा समाज इसी कड़ी का हिस्सा है.
बीजेपी, पीएम मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और लोकप्रियता का इस्तेमाल कर रही है ताकि पारंपरिक एम-वाई समीकरण को कमजोर किया जा सके और दूसरे वर्गों के वोट खींचे जा सकें. यह पूरा इलाका भोजपुरी भाषी है. भले ही ये तीनों जिले अलग हों, लेकिन इनकी संस्कृति और भाषा एक है, जिससे एक जिले का प्रभाव दूसरे पर भी पड़ता है. बीजेपी इस सांस्कृतिक जुड़ाव का फायदा उठाना चाहती है.
Chirag Paswan: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा 2025 चुनाव लड़ने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा- 'मैं जल्द बिहार वापस जाना चाहता हूं. बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है. नीतीश कुमार ही चुनाव परिणाम के बाद भी मुख्यमंत्री बनेंगे.'
Punjab News: अमृतसर के मजीठा में जहरीली शराब पीने से मौतों का आंकड़ा अब 23 तक पहुंच गया है. प्रशासन ने इस मामले में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
News Today Highlights: श्रीलंका में पहलगाम के एक संदिग्ध को पकड़ने की खबर, कोलंबो एयरपोर्ट पर तलाशी अभियान
बिहार की सियासत में अचानक नई पार्टियों की बाढ़-सी आ गई है. अक्टूबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच चार नए दल अस्तित्व में आए हैं, और हर दल अपने-अपने तरीके से बिहार की जनता का दिल जीतने की जुगत में है.
बिहार में यादव, EBC (अति पिछड़ा वर्ग), और ऊंची जातियों के वोटर नीतीश का मजबूत आधार हैं. वक्फ बिल के बहाने अगर हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण हुआ, तो बीजेपी और JDU मिलकर इन वोटों को अपने पाले में कर सकते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश इसे 'प्रशासनिक सुधार' का नाम दे सकते हैं.
बिहार में NDA के नेता व सीएम नीतीश कुमार हमेशा बीजेपी के लिए बड़े भाई की भूमिका में रहे हैं. नीतीश कुमार के नाम पर ही बीजेपी वहां चुनाव लड़ती आई है. लेकिन अंदरखाने से खबर है कि इस बार बीजेपी अपने 'बड़े भाई' को आराम करने की सलाह दे सकती है.