वहीं घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा बल अलर्ट मोड पर आ गए हैं. सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम जंगली इलाके में सघन गश्त कर रही है.
बीजापुर का कांडलापर्ती इलाका लंबे समय से माओवाद प्रभावित क्षेत्र रहा है, जहां विकास कार्यों का पहुंचना कठिन माना जाता था. पहाड़ी और घने जंगलों से घिरे इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लिए कैम्प स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं था.