दोनों मामलों में यह साफ हो गया है कि सरकारें जब तक कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करतीं, तब तक उन्हें बड़ी कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बीकानेर हाउस और हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश ने यह दिखा दिया है कि अगर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता, तो अदालत सख्त कदम उठा सकती है.