इन उपचुनावों का परिणाम केवल चुनावी नतीजों पर ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के भविष्य के राजनीतिक समीकरणों पर भी गहरा असर डालेगा. सभी दल अपने-अपने तरीके से अपनी शक्ति को पुनः स्थापित करने में जुटे हैं.