पात्र) धारण करते हैं. ब्रह्मा ने सबसे पहले चार पुत्रों—सनक, सनंदन, सनातन और सनतकुमार की रचना की. इन चारों पुत्रों को उनके शरीर से उत्पन्न किया. यह चारों पुत्र न केवल ब्रह्मा के रचनात्मक कार्य में सहयोगी बने, बल्कि वे अपनी तपस्या और ज्ञान से ब्रह्मा के अनुयायी भी बने.