स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि पियून की नियुक्ति नहीं है. कभी हम खुद साफ-सफाई करते हैं, और कभी बच्चों को करना पड़ता है. कई बार पंचायत और शिक्षा अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है.