तक दिखाई नहीं दिए. क्या यह सिस्टम की असफलता नहीं है? आराम फरमाती सरकार! दिल्ली के अस्पतालों में एक और बड़ी समस्या सामने आई, वह है बेड की कमी. दिल्ली सरकार ने 2016 से 2021 के बीच 32,000 बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में सिर्फ 1,357 बेड जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का 4.24% है! इससे साफ है कि जब अस्पतालों में बेड नहीं हैं, तो मरीजों को फर्श पर इलाज करना पड़ा.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शराब तस्करी रोकने के लिए विभाग ने उचित कदम नहीं उठाए. आधुनिक तकनीकों, जैसे डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग नहीं किया गया, जिससे तस्करी पर काबू नहीं पाया जा सका. इसके अलावा, 65% जब्त की गई शराब देसी शराब थी, जो दिखाता है कि अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था.