जिला आबकारी अधिकारियों ने शराब दुकानों पर छापे मारकर 1 लाख 5 हजार 268 देशी और विदेशी शराब की बोतले जब्त की और अफसरों ने अपने विभागीय स्टॉक रजिस्टरों में केवल 14 हजार 42 बोतलों का स्टॉक दर्ज किया
CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बिहार सरकार के साथ यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है. 70,877.61 करोड़ रुपये में से 14,452.38 करोड़ रुपये तो अकेले वित्त वर्ष 2016-17 तक के ही हैं. यानी, सरकार ने पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं सीखा.
बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने डीटीसी को पूरी तरह से नाकाम बना दिया है, और इस रिपोर्ट के जरिये पार्टी नेता ‘आप’ को घेरने की योजना बना रहे हैं.
तक दिखाई नहीं दिए. क्या यह सिस्टम की असफलता नहीं है? आराम फरमाती सरकार! दिल्ली के अस्पतालों में एक और बड़ी समस्या सामने आई, वह है बेड की कमी. दिल्ली सरकार ने 2016 से 2021 के बीच 32,000 बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में सिर्फ 1,357 बेड जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का 4.24% है! इससे साफ है कि जब अस्पतालों में बेड नहीं हैं, तो मरीजों को फर्श पर इलाज करना पड़ा.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शराब तस्करी रोकने के लिए विभाग ने उचित कदम नहीं उठाए. आधुनिक तकनीकों, जैसे डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग नहीं किया गया, जिससे तस्करी पर काबू नहीं पाया जा सका. इसके अलावा, 65% जब्त की गई शराब देसी शराब थी, जो दिखाता है कि अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था.