1931 की जनगणना ने यह भी दिखाया कि दक्षिण भारत में साक्षरता का स्तर उत्तर भारत की तुलना में कहीं ज्यादा था. उदाहरण के लिए, मद्रास में ब्राह्मण और नायर जैसी जातियां शिक्षा में बहुत आगे थीं, जबकि बॉम्बे में भी ब्राह्मणों की पुरुष साक्षरता 78.8% थी. दूसरी ओर, उत्तर भारत में बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में कायस्थ सबसे साक्षर थे.
Caste Census: जातीय जनगणना के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. देश भर में 16 जून से जातीय जनगणना शुरू होगी, जिसके लिए गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है.
जातीय जनगणना 2 फेज में होगी. पहला फेज एक अक्टूबर 2026 से शुरू होगा. जिसमें 4 पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को शामिल किया गया है. जबकि दूसरा फेज 1 मार्च 2027 से शुरू होगा. जिसमें देश के बाकी राज्यों में जनगणना शुरू की जाएगी.
BJP के SC मोर्चा प्रमुख राम चंद्र कन्नौजिया का कहना है कि दलित समुदाय को अक्सर गलतफहमी में रखा जाता है, जिससे वे दूसरों के बहकावे में आ जाते हैं. उनका मानना है कि दलितों और उच्च जातियों को एक साथ लाने से न सिर्फ दलितों का हौसला बढ़ेगा, बल्कि हिंदू समाज में एकता का संदेश भी जाएगा.
भारत में आखिरी बार जाति जनगणना 1931 में हुई थी, जब देश ब्रिटिश शासन के अधीन था. उस समय आज का पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भारत का हिस्सा थे. उस समय पूरे ब्रिटिश भारत की आबादी करीब 27 करोड़ थी. उस जनगणना में हर जाति की आबादी को विस्तार से दर्ज किया गया था.
Indore: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जातिगत जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों की 40 जातियां हैं और उनकी भी अलग-अलग गणना की जाएगी.
Caste Census: भाजपा ने कांग्रेस के नारे 'सरकार तुम्हारी, सिस्टम हमारा' पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व पीएम पंडित नेहरू 'जाति आधारित आरक्षण के कट्टर विरोधी' थे और इसलिए ही उनके नेतृत्व में जाति जनगणना नहीं हुई.
राहुल गांधी ने इस मुद्दे को जिस तरह उठाया, उसने उन्हें पिछड़े वर्ग और दलित समुदायों के बीच नया चेहरा बना दिया. उन्होंने इसे सामाजिक 'एक्स-रे' बताया है, जो देश की सच्चाई सामने लाएगा. लेकिन बीजेपी का कहना है कि राहुल की मांग सिर्फ सियासी ड्रामा था, और असली काम मोदी सरकार ने किया.
Caste Census: केंद्र सरकार ने बुधवार को ऐलान किया कि देशभर में जातीय जनगणना कराई जाएगी. विपक्ष इस फैसले पर खुश होने की जगह क्रेडिट लेने के पीछे दौड़ रही है. दिल्ली से लेकर बिहार तक पोस्टर के जरिए क्रेडिट लेने की होड़ लग गई है.
Caste Census: अक्सर विपक्ष पर समाज बांटने का आरोप लगाने वाली भाजपा ने अपना फैसला पलट दिया है. भाजपा के फैसला पलटते ही अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं.