Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने आज उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. जिसमें कुल 66 सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा की गई है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा चंपई सोरेन के जाने से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए रामदास सोरेन को वहां से चेहरा बनाकर प्रयास कर रही है. रामदास सोरेन के माध्यम से हेमंत सोरेन आदिवासियों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि केवल झामुमो ही उनका सम्मान कर सकती है और उनके कल्याण के लिए काम कर सकती है. पार्टी की रणनीति क्षेत्र में चंपई की तरह रामदास का कद बढ़ाने की है.
चंपई सोरेन का राज्य में बड़ा रसूख है. आदिवासी नेता चंपई सोरेन की पकड़ राज्य की राजनीति में ऐसी है कि हेमंत सोरेन जब गिरफ्तार हुए तो कहा जा रहा था कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सीएम बनेंगी, लेकिन उन्होंने बाजी मार ली.
अगर चंपई सोरेन की बात करें तो झारखंड के कोल्हन क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है. विधानसभा की 14 सीटें उसी इलाके से निकलती हैं, बीजेपी का तो यहां सूपड़ा साफ होता गया है.
Champai Soren: पिछले हफ्ते की शुरुआत में चम्पाई सोरेन ने कहा था कि वे राजनीति नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने तीन ऑप्शन बताए थे- रिटायरमेंट, संगठन या दोस्त.
जब मीडिया ने उन्हें याद दिलाया कि राज्य में चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने के लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं बचा है, तो सोरेन ने कहा, "यह आपकी समस्या नहीं है."
Jharkhand News: जानकारी के मुताबिक, दुर्घटना में मृत जवान 45 वर्षिय विनय कुमार वानसिंह झारखंड के चाईबास जिले के भोया गांव का रहने वाले हैं.
कहा जाता है ना...राजनीति में कोई किसी का नहीं होता है...जीतनराम मांझी से लेकर अमरिंदर सिंह तक...मुख्यमंत्री रहे इन नेताओं ने पार्टी से बगावत कर दी...अब इस लिस्ट में चंपई सोरेन का नाम भी शामिल हो गया है...दुखी हैं चंपई सोरेन...रविवार को थोड़ा आराम का दिन रहता है
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें बहुत अपमान सहना पड़ा. उन्होंने दावा किया कि 3 जुलाई को पार्टी नेतृत्व ने उनकी जानकारी के बिना उनके सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए.
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले चंपई अगर बीजेपी में शामिल होते हैं तो इन सीटों पर सीधे तौर पर असर पड़ सकता है. इस सीटों के समीकरण भी बदल सकते हैं.