यहां समझने वाली बात यह है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला चन्नी का नोटिस स्वीकार कर लेते हैं, तो ऐसे में संसद रूलबुक के नियम 225(1) कहता है कि लोकसभा अध्यक्ष नोटिस में कही गई बातों से सहमत होते हैं तो वो किसी भी वक्त प्रस्ताव लाने की अनुमति दे सकते हैं.
दरअसल चन्नी ने सदन में कहा,'बिट्टू जी, आपके दादाजी शहीद हुए थे, लेकिन वे उस दिन नहीं मरे, वे उस दिन मरे थे जिस दिन आपने कांग्रेस को छोड़ा था.'
Jammu And Kashmir Terrorist Attack: चरणजीत सिंह चन्नी(Charanjit Singh Channi) ने पुंछ आतंकी हमले को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी. वहीं फारूक अब्दुल्ला ने भी कहा कि हमारे सिपाही रोज शहीद होते हैं लेकिन वह खामोश हैं.
Lok Sabha Election: अमरिन्दर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी पर भरोसा जताया था. हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब की जनता ने चन्नी को नकार दिया था.