16वीं सदी में मिथिला के राजा हेमांगद ठाकुर को मुगल बादशाह ने कर चोरी के झूठे इल्जाम में कैद कर लिया था. गणितज्ञ और खगोलशास्त्री हेमांगद ठाकुर ने जेल में रहते हुए भी हार नहीं मानी. उन्होंने बांस की खपच्चियों और पुआल की मदद से गणनाएं कीं और आने वाले 500 सालों के सूर्य और चंद्र ग्रहण की सटीक तारीखें बता दीं. उन्होंने अपनी इस खोज को ग्रहण माला नामक पुस्तक में दर्ज किया.