Chhath Puja: मध्य प्रदेश में शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. प्रदेश के अलग-अलग घाटों पर अर्घ्य देने के साथ ही सूर्य देव की पूजा की गई और प्रसाद खाकर छठ महापर्व का समापन हुआ.
Chhath Puja: देश के अलग अलग जगहों से छठ की रौनक देखने को मिली। व्रती परिवार सहित सुबह 3 बजे से ही गंगा घाटों पर पहुंचने लगी थी. उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रती महिलाओं ने प्रसाद खाकर 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म किया.
Chhath Puja: बिहार से लेकर दिल्ली तक छठ का रौनक हर जगह दिख रहा है. इसी के साथ ही तीसरे दिन की पूजा का समापन हो गया है. मान्यताओं के अनुसार, छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
CG News: छत्तीसगढ़ में आज छठ महापर्व की धूम रहेगी, वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर के महादेव घाट पर पूजा में शामिल होंगे. छठ के लिए महादेव घाट को खास तौर पर सजाया गया है. वहीं प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों में छठ व्रती आज डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे. वहीं सीएम विष्णु देव साय ने X पर पोस्ट कर छठ पर्व की बधाई दी है.
Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में में प्रदूषण का स्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है. दिल्ली की हवा हर बीतते दिन के साथ जहरीली हो रही है. जिमें सांस लेना सेफ नहीं है. इधर छठ की हुई व्रतियों के लिए यमुना का पानी भी जहरीला बना हुआ है.
Chhath Puja 2024: नहाए-खाए और खरना के बाद इस महापर्व में आज संध्याकाल में डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा. आज पहले भगवान सूर्य और छठी मईया की उपासना के साथ गंगा में खड़े होकर व्रती शाम सूर्य को अर्घ्य देती हैं.
CG News: देशभर समेत छत्तीसगढ़ में आज से नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है. दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़ और जगदलपुर समेत तमाम जिलों में छठ घाट बनाए गए हैं. वहीं आपको बता दें कि बिलासपुर में एशिया का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है, जो 7 एकड़ में फैला हुआ है.
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर को खोदापुर के बाद कचरापुर का कहा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि दीपावली के बाद मोहल्ले में जगह-जगह कचरा पड़ा दिख रहा है. शहर के आउटर में बनी कॉलोनी में नियमित तौर पर कचरा गाड़ियां नहीं चल रही है जिसके कारण हफ्ते महीना का कचरा जमा हो गया है.
जनता भौंचक टुकुर-टुकर ताक रही है, कभी एक तरफ तो कभी दूसरी ओर. उसे समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर सब नेता, सब पार्टी हमारी ही चिंता कर रहा है तो फिर हमारी दशा इतनी चिंताजनक क्यों?