Modi govt World Bank loan: जनसुराज के लगाए गए आरोपों पर केंद्रीय मंत्री और एनडीए नेता चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी बिना तथ्यों के बड़े-बड़े दावे कर रही है. “ये आंकड़े कहां से लाते हैं? अगर कोई सबूत है तो सामने रखें.
LJP-RV Election Results 2025: लोक जनशक्ति पार्टी ने 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जिसमें से 22 आगे चल रहे हैं.
Bihar Elections 2025: चिराग खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का ‘हनुमान’ कहते हैं और एनडीए का हिस्सा हैं. उनकी पार्टी को इस बार 29 सीटें मिली हैं, लेकिन एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया. इससे उनकी बात पर सवाल उठ रहे हैं. एनडीए की दूसरी पार्टियां भी इस मामले में पीछे नहीं.
इस पर चिराग पासवान ने कहा, 'ये ऐसे विषय हैं जिन पर अभी चर्चा करना ठीक नहीं है. पहले सरकार बनने दो, हम एक-एक करके सारे काम करेंगे. अभी हमारी प्राथमिकता जीत है. प्रदर्शन के आधार पर सभी की भूमिका तय होगी.'
Bihar Election 2025: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की नाराजगी ने एनडीए में खलबली मचा दी. बिहार से लेकर दिल्ली तक शीर्ष नेताओं के मुलाक़ातों की फ्रिक्वेंसी बढ़ गई.
सूत्र कहते हैं, नीतीश चुपके से दबाव बना रहे हैं, क्योंकि 2020 का घाव ताजा है. अगर चिराग (Chirag Paswan) बगावत करें, तो दलित वोट 5-6% पासवान समुदाय JDU के घाव को कुरेद देंगे. यानी, अगर चिराग पासवान, इस बार बगावत करेंगे तो निश्चित ही नीतीश कुमार की राजनीति के लिए यह खतरा है.
Bihar News: तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आगे कहा- 'चुनाव आयोग अब चुनाव आयोग नहीं रहा. यह गोदी आयोग बन गया है.
चिराग पासवान और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच हुई तारीफों के आदान-प्रदान ने भी अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है. दोनों ही नीतीश सरकार के आलोचक हैं. हालांकि, चिराग ने साफ कर दिया है कि उनकी पहली प्राथमिकता NDA है, लेकिन इन मुलाकातों से भविष्य में किसी नए गठबंधन की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.
यह देखना दिलचस्प होगा कि NDA के भीतर इस बयान का क्या असर होता है. क्या चिराग का यह कदम गठबंधन में कोई नई खटास पैदा करेगा या फिर यह सिर्फ चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का एक तरीका है, जिस पर आगे चलकर कोई नई रणनीति बन सकती है?
पिछले कुछ समय से चिराग पासवान बिहार में काफी सक्रिय थे. उनकी रैलियां और सभाएं खूब सुर्खियां बटोर रही थीं. जब उन्होंने खुद चुनाव लड़ने की बात कही थी, तो राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि इससे NDA गठबंधन के भीतर ही LJP (रामविलास) का कद बढ़ जाएगा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव आ सकता है.