मामले में याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अदालत में कहा कि परीक्षा में आरक्षण नीति का सही ढंग से पालन नहीं किया गया है. न्यूनतम योग्यता में छूट ना देना भेदभाव को दिखाता है. एससी और एसटी अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में आरक्षण नीति के हिसाब से कम नंबर दिए गए.