कोविड के दौरान 2020 में भी आंदोलन हुआ, जो शांतिपूर्ण रहा. 2022 में आंदोलन के सबसे बड़े चेहरा, कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला दुनिया से चले गए. उनकी विरासत अब उनके बेटे विजय बैंसला संभाल रहे हैं. अब 5 साल बाद एक बार फिर आरक्षण के मुद्दे पर गुर्जर समुदाय की महापंचायत होने वाली है.