हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "यह घोषणापत्र बहुत मेहनत से तैयार किया गया है. हमने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बहुत कुछ सीखा है." राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कांग्रेस के वादों का समर्थन करते हुए कहा, "हमारा घोषणापत्र जनता की राय लेकर बनाया गया है. कांग्रेस जो वादा करती है, वह निभाती है. भाजपा बिना तथ्यों के बातें करती है."
हरियाणा की राजनीति में युवा वोटरों का विशेष महत्व है, और इस बात को दोनों पार्टियां बखूबी समझती हैं. यही कारण है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है. दोनों दलों ने अपने-अपने घोषणापत्रों में 2 लाख सरकारी नौकरियां सृजित करने का संकल्प लिया है.
कांग्रेस का कहना है कि इसके हिसाब से चुनाव के बाद 28 जून तक कांग्रेस की सरकार सभी तरह की नियुक्तियों के लिए नोटिफिकेशन निकालेगी. जबकि इनकी परीक्षा 30 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी और नियुक्ति पत्र दिसंबर तक जारी कर दिए जाएंगे.
अब कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "90 आईएएस अधिकारी हैं जो देश का प्रशासन चलाते हैं. लेकिन उनमें से केवल तीन ओबीसी, एक आदिवासी और तीन दलित हैं."
Lok Sabha Election 2024: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के घोषणापत्र को तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है.
जयराम रमेश ने कहा, "उन्होंने चीन को क्लीन चिट दे दी और उस क्लीन चिट के कारण आज हम कमजोर हो गए हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग की नीति अपनाई, मैं प्रधानमंत्री को याद दिला दूं कि 1940, 1941 और 1942 में,कौन सी पार्टी बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन सरकार में थी.
कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया. इस घोषण पत्र में कांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
Lok Sabha Election 2024: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पांच न्याय शामिल किया है
Lok Sabha Election 2024: सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस बार सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से लेकर पुरानी पेंशन स्कीम को केंद्र में रखने वाली है.