यहां पर यह भी ध्यान देना जरूरी है कि AAP ने दिल्ली में कांग्रेस के वोट को तोड़ा था और यही उसकी राजनीतिक सफलता का कारण बना था. इसलिए, AAP किसी भी तरह से कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपने वोट को बंटने का खतरा नहीं लेना चाहती.
BJP: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब लगभग दो महीने का समय बचा हुआ है. सभी पार्टियां अब जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में लग गई हैं.
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की कलह कथा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है कांग्रेस में जब-जब बैठके होती हैं तब तब कार्यकर्ताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है.
टीएमसी ने जहां अपने उपचुनावों में शानदार जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एक-एक कर मुंह की खानी पड़ी. जब कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी जमानत तक खो दी, तो ममता ने यह साफ कर दिया कि उन्हें अपनी पार्टी की बढ़ती ताकत और BJP के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष की जरूरत है.
कांग्रेस की पुरानी आदत हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के अंदर गंभीर चर्चा हुई. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हार का जिम्मा राज्य इकाइयों पर डाल दिया. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व हमेशा से चुनावी रणनीतियों और टिकटों के चयन में खुद का दखल देता है, लेकिन हारने के बाद जिम्मेदारी राज्य नेताओं पर डाल दी जाती है.
बीजेपी लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को आगामी विधानसभा चुनावों तक ले जाने की कोशिश में है.
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस मुद्दे पर जांच होनी चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ? नड्डा ने यह भी कहा कि विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से यह उम्मीद थी कि वे इस मामले की जांच की मांग करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
Opposition Seating Controversy: 18वीं लोकसभा के लिए नई सिटिंग व्यवस्था तय कर दी गई है, लेकिन सीटों को लेकर विवाद अभी भी थमता नजर नहीं आ रहा है. अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव ने इस बदलाव पर नाराजगी जताई है. उनका सवाल है कि अयोध्या से सीनियर […]
CG News: आज कांग्रेस की धान खरीदी केंद्र चलो अभियान की हुई शुरुआत हुई है. जिला कांग्रेस कमेटी ने धरसीवा धान खरीदी केंद्र का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. धान खरीदी का दौरा करने को लेकर रायपुर के अभियान प्रभारी पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू ने कहा कि आज से अभियान शुरू हुई है.
Jharkhand Politics: कांग्रेस अपने कोटे के 4 नाम तय नहीं कर सकी है और यही वजह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अकेले अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं.