उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके साथ बिताए गए दिनों को याद किया. येचुरी की वैचारिक स्थिरता और उनके समर्पण ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया था.
1952 में चेन्नई में जन्मे सीताराम येचुरी का जुड़ाव वामपंथी विचारधारा से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुआ. आपातकाल के समय जेल भी गए और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए.