किसानों का कहना है कि अगर वह खेत में यूरिया के साथ डीएपी नहीं डालेंगे तो उत्पादन बेहद कम होगा और ऐसे में उन्होंने खेती करने के लिए बैंकों से लोन लेकर रखा हुआ है.