Maharashtra: महाराष्ट्र के स्कूलों में क्लास एक से चार तक इग्लिंश और मराठी अनिवार्य थे, वहीं हिंदी भाषा को विकल्प के रूप में रखा गया था. लेकिन अब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इग्लिंश और मराठी के साथ हिंदी को भी अनिवार्य कर दिया है.
फडणवीस ने यह भी कहा कि हिंसा में किसी भी विदेशी या बांग्लादेशी एंगल की बात अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि जांच जारी है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नागपुर यात्रा पर भी असर न होने की बात मुख्यमंत्री ने की, और यह भी स्पष्ट किया कि यह हिंसा किसी राजनीतिक साजिश का हिस्सा नहीं थी.
शिंदे ने जो मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना और आनंदाचा सिद्धा योजना शुरू की थी. उसे रोक दिया गया है. इन योजनाओं का उद्देश्य बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर मुफ्त यात्रा का लाभ देना और त्योहारों के दौरान सस्ते दरों पर राशन मुहैया कराना था. इन फैसलों से शिंदे को यह संकेत मिल सकता है कि बीजेपी अब उन्हें पूरी तरह से सहयोग नहीं दे रही है.
महाराष्ट्र की सियासत में आने वाले बीएमसी (Brihanmumbai Municipal Corporation) चुनाव भी एक अहम मोड़ साबित हो सकते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या उद्धव ठाकरे और भाजपा के बीच करीबी रिश्ते देखने को मिलेंगे? क्या शिवसेना फिर से भाजपा से जुड़ने के बारे में सोचेगी?
महायुति के नेताओं का कहना है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. इस बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से शुरू होने वाला है, और इससे पहले यह विस्तार हो सकता है.
देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली. एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.
Maharashtra CM: देवेन्द्र फड़नवीस 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है. बता दें, एकनाथ शिंदे और अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री होंगे.
Eknath Shinde: इसके पहले शिंदे ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उनको सीएम बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है और बीजेपी जिसे भी सीएम बनाएगी, वे और उनकी पार्टी उसका समर्थन करेंगे.
Maharashtra CM: महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के नाम अभी तक सस्पेंस जारी है. महायुति से सीएम कौन होगा यह अभी तक क्लियर नहीं हुआ है. आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ महायुति के नेताओं की मीटिंग दिल्ली में होनी है.
शिंदे गुट यह तर्क दे रहा है कि उन्होंने इस चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीतकर साबित किया है कि उनका चेहरा ही प्रमुख था. उनका कहना है कि जैसे बिहार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी नीतीश कुमार को सीएम बनाया गया, वैसे ही महाराष्ट्र में शिंदे को सीएम बनाना चाहिए.