बादल फटने की वजह से खीर गंगा नदी उफान पर आ गया. तेज रफ्तार से पानी और मलबा पहाड़ों से नीचे की ओर बहा, जिसमें बड़े-बड़े पत्थर और मिट्टी का सैलाब गांव में घुस गया. धराली का बाजार, जो कभी पर्यटकों की चहल-पहल से गुलजार रहता था, देखते ही देखते मलबे के ढेर में तब्दील हो गया.