उत्तराखंड के स्थानीय लोग मानते हैं कि 2013 की भीषण बाढ़ का कारण धारी देवी की मूर्ति को उसके स्थान से हटाना था. 16 जून 2013 को जब मूर्ति को स्थानांतरित किया गया, उसी शाम को उत्तराखंड में बाढ़ आ गई थी, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे.