कहानी में ट्विस्ट तब आया जब पत्नी ने फैमिली कोर्ट के इस फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दे दी. उनकी मांग थी कि उन्हें हर महीने 1 लाख रुपये का गुजारा भत्ता मिलना चाहिए. पत्नी ने तो यहां तक कहा कि ससुराल वालों ने उन्हें परेशान किया, लेकिन फिर भी वो अपने पति से प्यार करती हैं और तलाक नहीं चाहतीं.